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फाल्गुन विश्व का 42वां अंक प्रकाशित...

अज्ञान का तम हरो… / ज्ञान के प्रकाश से मन-प्राण आलोकित करो

उजाले का संवहन करें हम आजीवन  / मालिक ! हिम्मत इतनी अता करो

 

इस दीपपर्व पर बस यही कामना कि निर्भय होकर हम सत्य के पथ पर अग्रसर हों और अन्याय के खिलाफ हमारा संघर्ष सदा बना रहे...  फाल्गुन विश्व के पाठकों, हितचिंतकों, लेखकों और योगदानकर्ताओं को सपरिवार दीपावली की दैदीप्यमान मंगलकामनाएं

 


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पृष्ठ 2. 


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पृष्ठ 3.


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पृष्ठ 4. पर महत्वपूर्ण रपट 


इसी रपट से सम्बंधित वीडियो, जिसमें पुल का उखड़ा हुआ पत्थर साफ़ लटकता दिखाई दे रहा है...


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पृष्ठ 5. 


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पृष्ठ 6. बरखा मुणोत की कलम से...


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पृष्ठ 7. हेमलता मिश्र 'मानवी' की कविता 

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पृष्ठ 8 से 13 पर नीला प्रसाद की कहानी 'बार्बी डॉल्स', कहानी साभार सिद्धार्थ वल्लभ के फेसबुक वॉल से...







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पृष्ठ 14. पर रानी दिद्दा की कहानी 



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पृष्ठ 15. पर जे.एन. अस्पताल में फिर शुरु हुई शल्यचिकित्सा 

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अंतिम पृष्ठ 



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