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कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस के बारे में गड्डमड्ड कुछ...

दुनिया भर की सरकारों के मुखिया के बयान सुनिए... विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन्स देखिए... लॉकडाउन के नाम पर देश भर की सरकारों द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश या सर्कुलर देखिए... टेलीविजन और अख़बारों में कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस के बारे में जितना आप जानने की कोशिश करेंगे, गड्डमड्ड होने लगेगा ... आप चाहें तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपनी राय बदल सकते हैं...

- पुष्पेन्द्र फाल्गुन

1. कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस दो घंटे तक सक्रिय रहता है.
मतलब यह कि दो घंटे सक्रिय रहता है, पर कौन से दो घंटे? यह नहीं मालूम, मतलब कि सुबह 6-8 बजे तक, 8-10 बजे तक, 10-12, 12-2, शाम 2-4, 4-6, 6-8, 8-10 बजे तक, रात में 10-12 या फिर रात बारह बजे से दो, चार, छह बजे तक, यानी कौन से दो घंटे सक्रिय रहेगा, यह नहीं मालूम, विश्व स्वास्थ्य संगठन, दुनिया भर के राजनेताओं को बस इतना मालूम है कि दो घंटे सक्रिय रहेगा... आपको भी इसलिए नहीं मालूम पड़ेगा क्योंकि आप नहीं जानते कि कितने बजे दरअसल कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस आपके करीब सक्रिय हुआ है, इसलिए यही मानना ठीक होगा कि कोरोना वायरस चैबीसों घंटे सक्रिय रहता है, मतलब सिर्फ दो घंटे ही सक्रिय रहता है लेकिन उसका दो घंटा चौबीस घंटे में से किसी भी क्षण शुरु हो सकता है...

2. मास्क, कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस से नहीं बचाता है,
लेकिन सरकार ने अनिवार्य कर रखा है तो आपको पहनना ही पड़ेगा, यही सोचकर पहन लीजिए कि बचाता तो नहीं है पर क्या मालूम इस बार कुछ दया दिखा ही दे और हमें बचा ही ले.

3. कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस हवा में नहीं रहता है
पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुँचता जरुर है, पर कैसे? ओह! शट अप! बकवास बंद करो, इतने बड़े डॉक्टर लोग, सरकारें, दुनिया भर के वैज्ञानिक कह रहे हैं और पुष्पेन्द्र फाल्गुन तू बस बकवास ही करता है और करता ही रहेगा... इस बीच बिना हवा में रहे कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस देखना कहाँ से कहाँ फ़ैल जाएगा...

4. इमरजेंसी हो तो ही अस्पताल जाएं, न हो तो बिलकुल न जाएं...
लेकिन मालूम कैसे पड़ेगा कि इमरजेंसी है? क्योंकि जब आप इमरजेंसी में होंगे तो इस हालत में नहीं होंगे कि खुद अस्पताल जा सकें और जब जा सकते हैं तब इमरजेंसी के पैमाने पर आप खरे नहीं उतरते... करें भी तो क्या करें?

5. कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस एक महामारी है
लेकिन इससे ज्यादा डरने की जरुरत नहीं है तब तक कि जब तक इससे हजारों लोग मरकर साबित न कर दें यह एक महामारी है.

6. दस्ताने, कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस से बचाव नहीं करते...
तब तक नहीं करते जब तक उनसे बचाव की मदद न मांगी जाए... आजमाकर देखिए...

फ़िलहाल अमेरिका में यह कार्टून बहुत लोकप्रिय हो रहा है, जिसमें लम्बे लॉकडाउन के बाद दम्पत्ति देखिए किस सवाल से जूझ रहे हैं!
7. सभी को अपने-अपने घर में रहना है
और घर में बने रहने के लिए बाहर जाना जरुरी होता है तो क्या करना है आप खुद तय करें लेकिन जो भी करें सुरक्षित दूरी रखते हुए ही मतलब घर में चाहे जैसे रहें, बाजार से सब्जी, दूध आदि जरुरत की चीजें इस तरह लेकर आएं कि उनसे आपकी सुरक्षित दूरी बनी रहे... उन चीजों का भक्षण करते समय भी यह दूरी बनाकर रखें और उनको निर्माल्य में बदलते समय भी...

8. सरकार कह रही है कि खाद्यान्न आदि की कोई कमी नहीं है,
जब सरकार कह रही है तो सही ही होगा कि खाद्यान्न आदि की कोई कमी नहीं है, अब आपकी गलती है कि आप शाम को बाजार जाते हैं तो सुबह ही वह सामान बाजार से खत्म हो जाता है, जो लोग सुबह जाते हैं वे गलत बाजार या दुकान तक चले जाते हैं, नहीं तो उन्हें जरुर मिल जाता जरुरत का सामान...

9. कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस बच्चों को संक्रमित नहीं करता
तब तक तो नहीं ही करता है कि जब तक बच्चे इससे संक्रमित न हो जाएं...

10. कोविड-19 वायरस जानवरों को संक्रमित नहीं करता...
हाँ एकाध बिल्ली या शेर या बाघ इधर-उधर कहीं प्रभावित हो गए हैं तो अब इसके लिए बेचारा वायरस क्या करे...

11. अगर आपको बुखार नहीं है तो इसका यह अर्थ न लगाएं
कि आपमें कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं! बिना लक्षण के भी आप इससे संक्रमित हो सकते हैं और आपको बुखार भी हो सकता है कि न आए... मतलब समझ गए न आप?

12. कोविड-19 से बचने रोजाना पौष्टिक भोजन और व्यायाम करना है.
बीमार होने से बचने के लिए आपको रोजाना पौष्टिक भोजन करना है और नियमित व्यायाम भी करना है...अब कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस को दोष मत दीजिए कि इसकी वजह से लॉकडाउन है और आप बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो जो भी मिल रहा है वही आप खा रहे हैं... विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ सभी सरकारों ने तो पहले ही बता दिया है कि पौष्टिक भोजन कीजिए...

13. सदा ताजा हवाओं में रहिए...
लेकिन पार्क में जाएंगे तो गिरफ्तार कर लिए जाएंगे, मॉर्निंग वॉक पर निकलेंगे तो लॉकडाउन तोड़ने के दोषी माने जाएंगे... घर में एक ही जगह पर बैठे मत रहिए... हर आधे घंटे में कुछ-कुछ देर के लिए चलते रहिए... लेकिन बारह गुणा पंद्रह फुट के कमरे में कितना और कैसे और कहाँ-कहाँ चलेंगे... मान लीजिए कि आप बूढ़े हो गए हैं और जगह से हिल नहीं पा रहे हैं या फिर...

14. आपको अपने घर के बड़े-बूढ़ों की देखभाल करनी है
लेकिन खबरदार यदि आप उनके पास जाने की कोशिश करेंगे तो चौदह दिन के क्वारंटाइन में भेज दिए जाएंगे... किसने कहा था आपसे कमाने-खाने अपने माँ-बाप से दूर परदेश में चले जाओ... भुगतो अब, लेकिन, लेकिन अपने घर के बड़े-बूढ़ों की देखभाल करते रहो... एक मोबाइल फोन तो होगा न आपके पास! हद है यार!

15. अगर आपको बुखार है तो कृपया बाहर बिलकुल न जाएं,
हाँ लेकिन दवाई आपको समय-समय पर लेते रहना है, अब क्या दवाई भी आपको सरकार घर में लाकर देगी? दवाई लाने तो जाइए... लेकिन बुखार है तो मत जाइए... अरे! समझ नहीं रहे आप?

16. बाजार से कुछ भी खरीदकर लाएंगे
तो उसे आपको घर के आंगन में दरवाजे से दूर कहीं तीन घंटे तक संक्रमण-रहित बनाना पड़ेगा, लेकिन अगर आप होटल से खाना मंगाएंगे या डिब्बा पहुँचाने के नेक काम में लगे लोगों से खाना मंगाएंगे तो उसे आप तुरंत खा सकते हैं क्योंकि आपको थोड़ी मालूम है कि उन्होंने मास्क पहनकर बनाया है या नहीं या फिर खाना बनाने में जरुरी सावधानी बरती है या नहीं... पर पिज्जा तो आपको संक्रमण-रहित करना ही होगा, पूरे तीन घंटे... अपने खुद के बारे में क्या ख्याल है? ऐसे ही घर में घुस जाएंगे?

17. सारे अख़बार और न्यूज़ चैनल आपको रोजाना
कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और इससे मरने वालों के बारे में भयावह आंकड़ें यह कहते हुए बताते हैं कि आपको इससे डरने की जरुरत नहीं है.

18. अगर आपको लॉकडाउन कानूनी तरीके से तोड़ना है
तो कुछ मित्रों का एक समूह बनाइए, सब मिलकर सौ-सौ रुपए इकट्ठे कीजिए, आठ-दस लीटर दूध लीजिए, उसमें उतना ही पानी मिलकर दूध उबाल लीजिए, फिर ब्रेड के दो-दो स्लाइस या चार-चार बिस्कुट लेकर झोपड़पट्टी की तरफ निकल जाइए... कई बार तो रास्ते में ही आपको भूखे और जरूरतमंद दिखाई दे जाएंगे, उनके बीच दूध बांटिए... मोबाइल से फोटो खींचिए, फेसबुक और वाट्स एप पर शेयर कीजिए... कोई पुलिस वाला आपको रोकने की कोशिश करे तो उसके ही हाथ से दूध बंटा दीजिए, उनकी फोटो खींचकर अपने वाल पर शेयर कीजिए और नीचे लिखिए... 'आपकी कर्तव्यपरायणता को लाखों सलाम...' अगले दिन से तो आपको कुछ भी बांटने- बूटने की जरुरत नहीं... मजे से नगर भ्रमण कीजिए और समाजसेवक कहलाइए...

19. आप आम इन्सान हैं तो आपको सुरक्षित दूरी बनाकर रखनी है,
किससे? कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस से और किससे? हद है... और यह वायरस तो किसी को भी हो सकता है... आपके नाक को हो सकता है और आपके आँख और हाथ को मालूम तक नहीं पड़ेगा... देखिए टेलीविजन पर आने वाले सभी विज्ञापन तो यही कहते हैं... तो उनसे मतलब हाथ को आँखों से या नाक से नाक को आँखों से भी दूरी बनाना है क्या? अरे राम! मीन-मेख निकालने वालों का क्या करें?

20. सरकार कह रही है कि जब तक कोविड-19 वायरस की चेन नहीं
टूट जाती, लॉकडाउन का पालन करना पड़ेगा... वैज्ञानिक और डॉक्टर कह रहे हैं कि जब तक कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस ख़त्म नहीं हो जाता, हमें तकलीफ सहनी ही पड़ेगी. सरकार को नहीं मालूम कि चेन कैसे टूटेगी, लेकिन डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, विद्वानों और समाजशास्त्रियों का कहना है कि सामाजिकता अथवा सामुदायिक गतिविधियों से ही इस कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है... सरकार को चेन तोड़ना है इसलिए लॉकडाउन है, वायरस की चेन टूटेगी तब जब हम सब मिलकर फिर से पहले की तरह रहन-सहन करने लगेंगे... फ़िलहाल तो सरकार और विज्ञान के बीच में पिसते हुए 'गो-कोरोना, गो-कोरोना' गाते रहिए, बच गए तो फिर कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस को भी ख़त्म कर लेंगे...

(इन्टरनेट पर मौजूद कुछ मजमून पढ़ने के बाद उपजे ख्याल... सोचा लॉकडाउन में आपको इमोशनल फूल तो बनाया ही जाए..., बिलकुल, मुझे माफ़ नहीं कीजिएगा... लेकिन कोविड-19 यानी नॉवेल कोरोना वायरस के बारे में आपका क्या ख्याल है...).

(लेखक पुष्पेन्द्र फाल्गुन से pushpendraphalgun@gmail.com या thefalgunvishwa@gmail.com पर संवाद साधा जा सकता है..., इस वेबसाइट और पत्रिका 'फाल्गुन विश्व' के प्रकाशक-संपादक भी वही हैं).

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